अरुण दोहे -
पद के मद में चूर है, यारों उनका ब्रेन
रिश्तों में भी कर रहे, डेकोरम मेन्टेन ।।
रिश्तों में भी कर रहे, डेकोरम मेन्टेन ।।
साठ साल की उम्र तक, पद-मद देगा साथ
बिन रिश्तों के मान्यवर, खाली होंगे हाथ ।।
बिन रिश्तों के मान्यवर, खाली होंगे हाथ ।।
पद-मद नश्वर जानिए, चिरंजीव है प्यार
संग रहेगी नम्रता, अहंकार बेकार ।।
संग रहेगी नम्रता, अहंकार बेकार ।।
लाट गवर्नर आज हो, कल होगे तुम आम
सिर्फ एक पद "पेंशनर", फिर आएगा काम ।।
सिर्फ एक पद "पेंशनर", फिर आएगा काम ।।
पद-पैसों के दर्प में, हमें न जायें भूल
अरुण अभी भी वक्त हैं, बदलें चंद असूल ।।
अरुण अभी भी वक्त हैं, बदलें चंद असूल ।।
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)