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Thursday, June 6, 2013

विवाह की इकतीसवीं वर्षगाँठ :



सपना-अरुण निगम (मदिरा सवैया)

ब्याह हुये इकतीस सुहावन साल भये नहिं भान हुआ 
नित्य निरंतर जीवन में पल का पहिया गतिमान हुआ
छाँव कभी अरु धूप कभी हर मौसम एक समान हुआ 
शब्द सधे सुर-ताल सजे यह जीवन मंगल गान हुआ || 

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़) 
06 जून 2013

Wednesday, June 5, 2013

विश्व पर्यावरण दिवस पर ............



(चित्र गूगल से साभार)
 कुण्डलिया छंद

मानव  ने  छेड़ा  इसे  भुगत  रहे   हैं  आज
अब मौसम का देखिए,बिगड़ा हुआ मिजाज
बिगड़ा हुआ मिजाज , संतुलन इसने खोया
कहीं  बरसती  आग  , बाढ़  ने  कहीं डुबोया
झूमा  मद  में  चूर  हाय   बन  बैठा  दानव
दोहन से आ बाज , सँभल जा अब भी मानव ||

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्रीअपार्टमेंट,विजय नगर, जबलपुर (मध्य प्रदेश)

Sunday, June 2, 2013

कुण्डलिया छंद :



(चित्र गूगल से साभार)

तत्व एक शैतान-सा

अनगढ़  मिट्टी  से  मिली भोली-भाली  शक्ल
तत्व  एक  शैतान -सा , कहते जिसको अक्ल
कहते जिसको  अक्ल,गड़बड़ी का यह कारक
खतरनाक   है    खूब  ,  बड़ा   ही   है  संहारक
रखें  नियंत्रित  इसे  ,  कभी  ना  बैठे  सिर चढ़
समय  चाक  तो “अरुण”, सँवारे मिट्टी अनगढ़ ||

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)