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Thursday, June 6, 2013
Wednesday, June 5, 2013
विश्व पर्यावरण दिवस पर ............
(चित्र गूगल से साभार)
कुण्डलिया छंद
मानव ने छेड़ा इसे , भुगत रहे हैं
आज
अब मौसम का देखिए,बिगड़ा हुआ मिजाज
बिगड़ा हुआ मिजाज , संतुलन इसने खोया
कहीं बरसती आग , बाढ़ ने कहीं डुबोया
झूमा मद में चूर , हाय बन बैठा दानव
दोहन से आ बाज , सँभल जा अब भी मानव ||
अरुण
कुमार निगम
आदित्य
नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्रीअपार्टमेंट,विजय नगर, जबलपुर (मध्य प्रदेश)
Sunday, June 2, 2013
कुण्डलिया छंद :
(चित्र गूगल से साभार)
तत्व एक शैतान-सा
अनगढ़ मिट्टी से मिली
, भोली-भाली शक्ल
तत्व एक शैतान -सा , कहते जिसको
अक्ल
कहते जिसको अक्ल,गड़बड़ी का यह कारक
खतरनाक है
खूब , बड़ा ही है
संहारक
रखें नियंत्रित इसे , कभी ना बैठे सिर चढ़
समय चाक तो “अरुण”, सँवारे
मिट्टी अनगढ़ ||
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट, विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)
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