चूँ - चूँ करती , धूल नहाती गौरैया.
बच्चे , बूढ़े , सबको भाती गौरैया .
कभी द्वार से,कभी झरोखे,खिड़की से
फुर - फुर करती , आती जाती गौरैया .
बीन-बीन कर तिनके ले- लेकर आती
उस कोने में नीड़ बनाती गौरैया.
शीशे से जब कभी सामना होता तो,
खुद अपने से चोंच लड़ाती गौरैया.
बिही की शाखा से झूलती लुटिया से
पानी पीकर प्यास बुझाती गौरैया.
बच्चे , बूढ़े , सबको भाती गौरैया .
कभी द्वार से,कभी झरोखे,खिड़की से
फुर - फुर करती , आती जाती गौरैया .
बीन-बीन कर तिनके ले- लेकर आती
उस कोने में नीड़ बनाती गौरैया.
शीशे से जब कभी सामना होता तो,
खुद अपने से चोंच लड़ाती गौरैया.
बिही की शाखा से झूलती लुटिया से
पानी पीकर प्यास बुझाती गौरैया.
साथ समय के बिही का भी पेड़ कटा
सुख वाले दिन बीते, गाती गौरैया.
दृश्य सभी ये ,बचपन की स्मृतियाँ हैं
पहले - सी अब नजर न आती गौरैया.
(पुनर्प्रस्तुति)
सुख वाले दिन बीते, गाती गौरैया.
दृश्य सभी ये ,बचपन की स्मृतियाँ हैं
पहले - सी अब नजर न आती गौरैया.
(पुनर्प्रस्तुति)
अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
विजय नगर, जबलपुर (म.प्र.)