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Saturday, April 2, 2011

चैत की चंदनिया

                       -अरुण कुमार निगम

चादर सी ,चूनर सी-       चैत की चंदनिया
झांझर सी,झूमर सी -     चैत की चंदनिया

महुआ की मधुता सी,  मनभाती-मदमाती
छिटके गुलमोहर सी -    चैत की चंदनिया

अनपढ़ - अनाड़ी सी   ,सल्फी सी-ताड़ी-सी
मादक-सी,मनहर सी -   चैत की चंदनिया

अधपक्की इमली सी  ,खटमिट्ठी -खटमिट्ठी
सरसों सी,सुन्दर सी -     चैत की चंदनिया

मनभाये  बैरी सी ,      अमुआ की कैरी सी
टेसू सी ,सेमर सी -         चैत की चंदनिया

कोयल की कुहु-कुहु सी ,पपीहे की पीहु-पीहु सी
उड़ते कबूतर सी -          चैत की चंदनिया

सतरंगी सपनों सी,      दूर बसे अपनो सी
प्रिय की धरोहर सी -      चैत की चंदनिया

मंगतू की मेहनत सी,    चैतू की चाहत सी
गेहूँ  सी,अरहर सी -        चैत की चंदनिया

हल्बी सी,गोंड़ी सी,   छत्तीसगढ़ी बोली सी
भोले से बस्तर सी -        चैत की चंदनिया

ज्योति की शक्ति सी,भक्तों की भक्ति सी
माता के मंदिर सी -        चैत की चंदनिया

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